..जाती पाती छोड़ो.... धार्मिकता को राष्ट्रवाद के पहिये से, देश को सुस्वर्ग बनाओ... जागो, हिंदुस्तानियों देश की ‘माटी की खुश्बू’ पहचानों... किसी को भी, देश की माटी से खिलवाड़ मत करने दो ....?????, देश के “शिखंडी’ नेताओं के वजह से , सीमापार दुश्मन, मुस्टंडे होकर, आंखे दिखाकर , वे चाहते है कि.....???, हम आपस मे लड़कर कमजोर हो जाए, ताकि हमारे घरेलू दुश्मनों की मिली भगत से, वे अपनी जीत आसानी से, प्राप्त कर सकें.... जागों... जागों... जागों.......खान, खादन , सीमा, जवान, किसान व देश का ईमान भी खतरे मे है...
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