दिग्विजयजी आप ट्विट कर काँग्रेस का टट्टू बनकर, कही काँग्रेस को ही, अपनी पीठ से न गिरा दो... मध्य प्रदेश से सबक ले कर, केन्द्र मे अपनी पार्टी का चना खाने से ज्यादा मत उछलो... बेतुका बयान, ओसामाजी.. भगवा आतंकवाद..इशरत जहान को काँग्रेस का जहान बनाकर, बौद्ध गया मे विपक्ष के पार्टी के बयान से धमाका, कहकर, अब आपके ही बयान से मध्य प्रदेश मे काँग्रेस पार्टी मे धमाके से, चीथडे उडने शुरू हो रहे है.. देश की काँग्रेस पार्टी के चीथडे उडने से अब, तुम्हारे, दुम दबाकर भागने मै ही आपकी भलाई कम व काग्रेस पार्टी की ज्यादा है...पार्टी डूबानी है तो अपने बयानो की जमकर उछलबाजी करो. अपनी डिग डिगी बजाकर .. यह नारा.. सार्थक न हो जाए... हम तो डूबे सनम .. अपनी पार्टी को भी ले डूबेंगे...
मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा बीजेपी की शिवराज सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने से पहले सदन में विपक्ष के उप नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अपने दल द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर ही अविश्वास प्रकट कर सबको चौंका दिया.
चतुर्वेदी के कहने पर सत्ता पक्ष ने तर्क दिया कि जब विपक्ष के उप नेता को ही अपने दल द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर विश्वास नहीं है, तो यह प्रस्ताव अपने आप शून्य हो गया है. इस पर हुए शोर-शराबे की वजह से अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने सदन की कार्यवाही पहले आधा घंटा और फिर संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र के प्रस्ताव पर ‘अनिश्चितकाल के लिए स्थगित’ कर दी.
इससे पूर्व अध्यक्ष रोहाणी ने जैसे ही विपक्ष के नेता अजय सिंह 'राहुल' को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिए पुकारा, विपक्ष के उप नेता चतुर्वेदी खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ बिन्दु ऐसे हैं, जिसका वह विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में उत्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदा में लापता प्रदेश के उन 721 तीर्थ यात्रियों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. इस बारे में लोगों का कहना है आपदा में अपने प्रदेश के लोगों की सुध लेने के लिए विपक्ष के नेता अजय एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद कांतिलाल भूरिया वहां नहीं गए.
विपक्ष के उप नेता ने कहा कि प्रस्ताव में वित्त मंत्री पद पर रहते हुए राघवजी द्वारा किए गए दुराचरण का भी जिक्र नहीं है. उन्होंने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का नाम लिए बिना कहा कि यह कहना कि 'बच्चा-बच्चा राम का, राघवजी के काम का', पर उन्हें घोर आपत्ति है तथा यह देश के अस्सी प्रतिशत हिन्दुओं का अपमान है. हर हिन्दू अपने को भगवान राम का बच्चा मानता है और ऐसा कहकर रामपुत्र लव-कुश ही नहीं, सारे हिन्दुओं को वोट की राजनीति के लिए अपमानित किया गया है.
चतुर्वेदी ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव, कांग्रेस पक्ष ने पूरे मन से नहीं लाया है. वह तीन दिन से दल में इन विषयों को शामिल करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चतुर्वेदी ने सच्चाई बताकर अपना 'राजनीतिक कैरियर' दांव पर लगाया है.
काँग्रेस को डुबाने के लिए किसी दिग्गी की जरूरत नहीं है, वो खुद ही डूबने वाली है। आने दो 2014....!! तब पता चलेगा काँग्रेस को कि उसके जहाज में कितना बड़ा छेद है। सरकार चाहे किसी की भी बने पर इस सरकार का तो ये लगभग अन्तिम पड़ाव लग रहा है।साथियो! इस विषय पर आप की क्या राय है? कृपया व्यक्त जरूर कीजिएगा।
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