ममता बेनर्जी बनी भ्रष्टाचारिओ चिट फंडों की ऐनर्जी (ENERGY) और गरीबों की ऐलर्जी (ALLERGY)
यह चिट फंड नही, भ्रष्टाचारिओ चिटीओ का जनता को गरीबी का दंश है,
3000 एजेंट बनकर मोटे ब्याज का झाँसा देकर, लाखों गरीबो लोगों को अपाहिज कर दिया है..??? राज्य मे तृणमूल काँग्रस की ताकत के साथ-साथ , फर्जी वित्तीय सस्थानो की ताकत भी बढती गई..
केंद्रीय सरकार के माफिया नेताओ ने ममता के बैसाखी की आड मे आँख मूद कर , सहमति दी, मीडिया के एक वर्ग ने बहती गंगा मे हाथ धोकर ही नही , नहाकर अपने पापों को पुण्य मे परिवर्तित क दिया...??? शारद ग्रुप , शहद बनकर , सत्ता का धनाड्य वर्ग इसे चाटता रहा...???
सिगूर से टाटा का बोरिया बिस्तर गायब कर, अपने को गरीबों की मसीहा कहने वाली ममता बेनर्जी ने काले धन की आड मे चुनावी खेल दिखाया
छोटे निवेशको की गाडी कमाई, जो, देश के 20 हजार करोड रूपये से कही ज्यादा, को राजनेताओ की साँठ - गाँठ से , राजनैतिक चुनावी खिचडी पकाने मे काले धुँए मे उडा दिया है. अब बंगाल की जनता को ममता बनर्जी कहती है, अब हम इसकी भरपाई करने के लिए सिगरेट में टैक्स बढा देंगे....अब खुब सिगरेट फूँक - फूँक कर, फेफडे खराब कर , हमें टैक्स दो ...?? और हमारी काली करतूतो को सफेद धुँए से ढको...? क्या यह आम जनता के लिए स्वस्थ भारत , या मेरा देश डूबा
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