Tuesday, 7 May 2013

पहले देश की जनता को जागकर राष्ट्रवादी बनना होगा... अपने को जनलोकलपाल (भ्रष्टाचार का प्रहरी) बनकर , भ्रष्टाचार से आदमखोर बने नेताओं को सबक सीखाना होगा, यह सब संभव है, जब जनता जातिवाद, धर्मवाद,अलगाववाद , जो इन नेताओ का भ्रष्टाचार का अस्त्र है , को भूलाकर ही इस अस्त्र का संहार होगा, और देश खुशहाली की ओर बढ जाएगा ...कहो हम सब एक है...
राष्ट्रवाद की सरल परिभाषा:
1. पहले मेरा देश खुशहाल रहे
2 फिर मेरा शहर व मुहल्ला खुशहाल रहे
3. मेरा पडोसी खुशहाल रहे
4. मेरा परिवार व मै खुशहाल रहूँ
1.राष्ट्रवाद का सरल समीकरण है:
दुनिया को 0 का आविष्कार हमने दिया है यही राष्ट्रवाद का समीकरण है
जातिवाद,भषावाद,अलगाववाद,क्षेत्रवाद,आतकवाद x 0= राष्ट्रवाद
यदि हन 5 साल राष्ट्रवाद के धारा से जुडे तो हुम पचास साल आगे बढेगे
ऐके 47 X 5 = 235 गुना हमे आतंकवाद व दुशमनो से लडने की क्षमता बढेगी..
2 राष्ट्रवाद का दूसरा समीकरण है:
समय हानि+धन हानि +प्राण हानि= राष्ट हानि
जिस देश को अपनी सस्क्रिती व भाषा पर नाज है, वह देश यदि राष्ट्रवाद की धारा मे आ जाये तो वह उन्नत देशो मे शामिल होता है,
विश्व के बर्बाद हुए देशों जैसे जर्मनी व जापान भी राष्ट्रवाद की धारा से विश्व मे अग्रणी देशो मे है, विश्व मे ढेर सारे देश है जो मानचित्र पर भी नजर नही आते है,वे हमारे से भी सम्पन्न है.

No comments:

Post a Comment