\यह नारायण मूर्ति है, जिन्होने पूना मे 4-5 टेबल कुर्सी से 200 फूट के कमरे मे अपने नीजी मित्र व सहयोगियो के साथ साँफ्टवेयर बनाने का कार्ये शुरू किया ...?? इंफोसिस कंपनी की शुरूवात करने के बाद, वे इंफोसिस के संस्थापक बने , आज भी यह कंपनी देश के उन्नत कंपनी व विदेशी मुद्रा कमाने मे पहले नम्बर पर है. उन्होने अपने कंपनी के चपरासी से हर वर्ग के कर्मचारियो को 1991 साल मे 100 शेयर, मूल किमत पर दिये थे. जिन कर्मचारियो ने आज तक यह शेयर नही बेचें है ? वे आज भी 5 करोड रूपये से भी ज्यादा की पूँजी के मालिक है.... बी.जे. पी. के कार्यकाल मे वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने पहले बजट भाषण मे कहा , देश के उध्धोगपतिओ को इंफोसिस कंपनी से सबक लेना चाहिए..?? जो मात्र 9 सालो फर्श से अर्श पर पर पहुँची है, और ऐसी हजारो कम्पनियाँ है, जो पब्लिक इश्यू द्वारा, निवेशकों के हजारो करोडों रूपये लूट कर भाग गई है..??? सत्यम कंम्पूटर के घोटाले के बाद ढेर सारी कंपनी , इसे खरीदने की होड मे थी, तब नारायण मूर्ति ने कहा, यह दागी कम्पनी है,मुफ्त मिले तो भी नही लूँगा...
उनके बेटे को आई.आई.टी. मे इलेक्ट्रोनिस व कम्यूनिकेशन मे पर्याप्त नम्बर न मिलने से प्रवेश न मिलने पर, आई.आई.टी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा यह प्रतिभा का संस्थान है , धन से ज्यादा, प्रतिभा का सम्मान होना चाहिए.....?? उसके कुछ सालों बाद मे सरकार ने आरक्षण लागू कर उसकी भी साख गिरा दी..??
आज संस्थापक के पद से पूर्ण रूप से निवृत होने के बाद नारायण मूर्ति ने मोह माया त्याग देशवाशीयो मे देश प्रेम का अलख जगाने के लिए सम्पूर्ण देश मे घूम रहे है (पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जो की तरह)
दिल्ली मे उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, दिल्ली मे नेताजी सुभाष चद्र बोष के नाम पर कोई सडक नही है, यह एक गंभीर बात है ...और उनका अपमान है...?? जब नारायण मूर्ति का नाम संसद मे राष्ट्रपति पद के लिए आया, तो पूरे संसद मे डर का सन्नाटा छा गया... विरोध के स्वर...कोई संसद सदस्य नही चाहता है कि ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रपति बनें..????
मेरा सलाम .... श्री.. श्री.. श्री.. नारायण मूर्ति को...
उनके बेटे को आई.आई.टी. मे इलेक्ट्रोनिस व कम्यूनिकेशन मे पर्याप्त नम्बर न मिलने से प्रवेश न मिलने पर, आई.आई.टी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा यह प्रतिभा का संस्थान है , धन से ज्यादा, प्रतिभा का सम्मान होना चाहिए.....?? उसके कुछ सालों बाद मे सरकार ने आरक्षण लागू कर उसकी भी साख गिरा दी..??
आज संस्थापक के पद से पूर्ण रूप से निवृत होने के बाद नारायण मूर्ति ने मोह माया त्याग देशवाशीयो मे देश प्रेम का अलख जगाने के लिए सम्पूर्ण देश मे घूम रहे है (पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जो की तरह)
दिल्ली मे उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, दिल्ली मे नेताजी सुभाष चद्र बोष के नाम पर कोई सडक नही है, यह एक गंभीर बात है ...और उनका अपमान है...?? जब नारायण मूर्ति का नाम संसद मे राष्ट्रपति पद के लिए आया, तो पूरे संसद मे डर का सन्नाटा छा गया... विरोध के स्वर...कोई संसद सदस्य नही चाहता है कि ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रपति बनें..????
मेरा सलाम .... श्री.. श्री.. श्री.. नारायण मूर्ति को...
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