कहते है..... जहाँ अपराध बढवाना है, वहाँ पुलिस थाना खोल दो,
अपराध की फैक्ट्री (कारखाना) खुल जाती है,
जितना कडक कानून, उतनी मोठी रिश्वत, रिश्वत खोर सदाबहार, देशवाशी बेहाल, माफिया व पुलिस मालामाल...
क्या यही है...???? भारत का चरित्र निर्माण.... या मेरा देश डूबा....
मेरे वेब स्थल मे पढे -आज का कानून-17 सअक्टूबर 2012 व जनवरी 2013 की पोस्ट पढे यह आम आदमी का हाथ नही, जीते जी जीवन का शिकंजा है, माफिया व वकीलो के उन्नत जीवन जीने का धधा है...???
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